सूर्य को कुंडली में उपस्थित सभी ग्रहों का स्वामी कहा जाता है। ज्योतिष की नजर से सूर्य ही सभी नौ ग्रहों का प्रधान होता है।
सूर्य की भूमिका
मान्यता है कि अगर लाल किताब कुंडली में सूर्य सही और फलदायक स्थिति में है तो बेहद शुभ होता है और बाकि ग्रह भी इसी के अनुरूप फल देते हैं। लेकिन जिस तरह घर के मुखिया के कमजोर होने पर घर की स्थिति भी कमजोर होती है उसी तरह कुंडली में सूर्य के कमजोर होने पर अन्य ग्रह भी अच्छे फल नहीं देते। ऐसी स्थिति में सूर्य ग्रह के लिए उपाय करने चाहिए।
सूर्य ग्रह के कुछ उपाय
कुंडली में अगर सूर्य नीच स्थान पर है और यदि सूर्य ग्रह के कारण आपके जीवन में कुछ उथल-पुथल हो रही है तो आप निम्न उपाय अपना सकते हैं:
* अगर सूर्य प्रथम भाव में नीचा यानि उचित फल देने वाला ना हो तो जातकों को पैतृक घर में हैंडपंप लगाने और दिन के समय स्त्री से सहवास करने से बचने की सलाह दी जाती है।
* दूसरे भाव में सूर्य ग्रह के उत्तम फल पाने के लिए नारियल, सरसों और बादाम का दान देना चाहिए। लाल किताब के अनुसार ऐसी स्थिति में चावल, चांदी या दूध का दान लेने या स्वीकार करने से बचना चाहिए।
* तृतीय भाव में सूर्य ग्रह की पीड़ा शांत करने के लिए माता को प्रसन्न रखना चाहिए और दूध तथा चावल का दान देना चाहिए।
* अगर चौथे भाव में बैठे सूर्य के कारण आपको परेशानी हो रही है तो आपको जरूरतमंदों में भोजन बांटना चाहिए।
* पंचम भाव में सूर्य की पीड़ा शांत करने के लिए जातक को किचन घर के पूर्व दिशा में बनाने की सलाह दी जाती है।
* छठे भाव में सूर्य ग्रह के शुभ फल पाने के लिए जातक को हमेशा घर में गंगाजल रखने की सलाह दी जाती है। साथ ही ऐसे लोगों को अपने रीति रिवाजों से कभी पीछे नहीं हटना चाहिए।
* लाल किताब के अनुसार सातवें भाव में अगर सूर्य ग्रह से आपको हानि हो रही हो तो जातकों को खाने में नमक कम करने की सलाह दी जाती है।
* आठवें भाव में सूर्य ग्रह के अशुभ परिणामों को कम करने के लिए दक्षिणमुखी घर में ना रहने की सलाह दी जाती है। साथ ही किसी भी नए काम पर जाने से पहले कुछ मीठा खाकर निकलने की सलाह दी जाती है।
* नौवें भाव में सूर्य ग्रह की पीड़ा शांत करने के लिए या इनके दुष्परिणामों से बचने के लिए जातक को दान या तोहफे के रूप में चांदी ना लेने की सलाह दी जाती है।
* दसवें भाव में सूर्य ग्रह की पीड़ा शांत करने के लिए नीला और काला कपड़ा ना पहनने की सलाह दी जाती है। साथ ही जातक को मांस और मदिरा से दूर रहने को भी कहा जाता है।
* अगर कुंडली में सूर्य 11वें भाव में है और जातक को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तो उन्हें मांस-मदिरा से दूर रहने की सलाह दी जाती है।
* बारहवें भाव में बैठे सूर्य ग्रह की पीड़ा या अशुभ फलों को कम करने के लिए घर में हमेशा एक चक्की रखने की सलाह दी जाती है।
नोट:
1. किसी भी उपाय को करने से पहले अपनी कुंडली का विश्लेषण अवश्य कराएं।
2. उपरोक्त उपाय मात्र संकेतक हैं इन्हें बिना जानकारी के इस्तेमाल करना विपरीत फल देने वाला भी हो सकता है।
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